रोहित शेखर तिवारी की हत्यारोपी पत्नी अपूर्वा को कोर्ट ने 14 दिन के लिए जेल भेज दिया है. इस दौरान पुलिस के सामने नए-नए खुलासे हो रहे हैं. बताया जा रहा है कि आरोपी अपूर्वा उसकी शादी हो जाने के बाद से हर दिन अपनी बहन अपर्णा से ज़रूर बात करती थी. उन दोनों के बीच दोस्तों जैसा रिश्ता है. अपूर्वा उसे ही अपने दिल की बात बताया करती थी. अपूर्वा ने अपनी बहन को बताया था कि उसकी सास और पति उसका उत्पीड़न करते हैं.
अपूर्वा की छोटी बहन अपर्णा ही उसकी सबसे करीबी राजदार है. अपर्णा का कहना है कि रोहित और अपूर्वा के बीच शादी के दिन ही तनाव शुरू हो गया था. इस बारे में अपूर्वा हर दिन अपर्णा को बताया करती थी. अपर्णा का आरोप है कि रोहित की मां उज्ज्वला उसकी बहन अपूर्वा को प्रताड़ित करती थी. रोहित उसके साथ मारपीट भी करता था. अपूर्वा ने ये सारी बातें खुद अपर्णा को बताई थीं.
अपूर्वा की कोशिश होती थी कि वो ये सारी बातें अपने माता-पिता को न बताए. लेकिन रोहित से झगड़ा होने के बाद अपूर्वा जब अपने घर इंदौर आ गई थी. तो तभी उसके घरवालों को उनके रिश्ते में आई दरार के बारे में जानकारी मिली. अपूर्वा 3 से 29 मार्च 2019 तक अपने मायके में ही थी. इस दौरान उसने अपनी मां मंजुला शुक्ला को सारी आपबीती सुना दी थी. उसी के बाद मां ने बेटी की खुशी के लिए कभी तांत्रिक से संपर्क साधा तो कभी पुजारी को बुलाया.
लेकिन नियति को शायद कुछ और ही मंजूर था. 30 मार्च को अपूर्वा लौटकर दिल्ली आई और सीधे डिफेंस कालोनी में अपनी ससुराल जा पहुंची. रोहित खुद उसे एयरपोर्ट से लेकर घर आया था. इसी बीच 11 अप्रैल को उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव था. रोहित और उज्जवला को वोट डालने के लिए वहां जाना था. जब रोहित वहां गया तो वो अपनी उस महिला मित्र को भी साथ ले गया था, जिसकी वजह से अपूर्वा नाराज थी.
इसी बीच एक घटना घटी. जिसने रोहित और अपूर्वा के बीच और दरार पैदा कर दी. हुआ यूं कि जब रोहित काठगोदाम, उत्तराखंड में था. अपूर्वा ने रोहित के मोबाइल फोन पर वीडियो कॉल की. जिसमें अपूर्वा को वो महिला दिख गई. जो उस वक्त रोहित के साथ शराब पी रही थी. रोहित ने महिला को छुपाने की कोशिश तो की लेकिन ऐसा हो न सका. अपूर्वा ने उस महिला को देख लिया था. इस घटना के बाद अपूर्वा का दिल टूट गया.
फोन पर भी रोहित से अपूर्वा की कहासुनी हुई. इस घटना से अपूर्वा बहुत निराश और उदास थी. तभी अपूर्वा को किसी से पता चला कि वो महिला गर्भवती है, जिससे रोहित के संबंध हैं. अपूर्वा को शक हुआ कि उसकी कोख में पल रही संतान रोहित की तो नहीं. हालांकि पुलिस ने अपनी तफ्तीश में इस बात को पूरी तरह से नकार दिया.
15 अप्रैल को रोहित अपनी मां और भाई के साथ लौटकर वापस दिल्ली आ गया. उस रात रोहित के डिफेंस कालोनी वाले घर में रोहित की पत्नी अपूर्वा, बड़ा भाई सिद्धार्थ शर्मा, नौकरानी मार्था, नौकर गोलू और ड्राइवर अखिलेश मौजूद थे. रोहित की मां उस रात खाना खाकर तिलक लेन, दिल्ली स्थित अपने सरकारी आवास पर वापस चली गई थीं. उज्जवला के मुताबिक उस रात रोहित ठीक-ठाक था. बस थोड़ा से नशे में था.
रोहित खाना खाने के बाद अपने कमरे में जाकर सो गया था. देर रात अपूर्वा रोहित के कमरे में गई. उसने रोहित को जगाया और उस महिला के बारे में पूछने लगी. इसी बात पर दोनों के बीच झगड़ा होने लगा. हाथापाई होने लगी. रोहित नशे में धुत था. गुस्से में अपूर्वा उस पर भारी पड़ गई. ना चाहते हुए भी उसने रोहित का मुंह और गला तकिए से दबाकर उसे मौत के घाट उतार दिया.
अब रोहित का शरीर उसके बेड पर लाश की शक्ल में पड़ा था. अपूर्वा वहीं बिस्तर पर बैठ गई. उसकी सांसें तेज थीं. दिल की धड़कन किसी रेलगाड़ी की तरह दौड़ रही थी. वो जान चुकी थी कि अब रोहित कभी नहीं जागेगा. सब खत्म हो चुका था. हर शिकवा-गिला रोहित की जान के साथ चला गया. अपूर्वा के दिल में जो तूफान था, वो थम चुका था. पति की बेवफाई और अनदेखी ने अपूर्वा को इस कदर झकझोर दिया था कि उसने अपने हाथों से अपना सुहाग उजाड़ दिया.
परवेज़ सागर